Haryana News Today: ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा अब भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल (मानद) बन गए हैं। बुधवार को दिल्ली में आयोजित एक विशेष अलंकरण समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने उन्हें यह उपाधि प्रदान की।
इस मौके पर नीरज के साथ उनकी मां सरोज देवी, पिता सतीश चोपड़ा, चाचा भीम चोपड़ा और पत्नी हिमानी मोर भी मौजूद रहीं।
सेना में नायब सूबेदार से लेकर लेफ्टिनेंट कर्नल तक का सफर
हरियाणा के पानीपत जिले के रहने वाले नीरज चोपड़ा ने 26 अगस्त 2016 को भारतीय सेना में नायब सूबेदार के पद पर भर्ती होकर अपने सैन्य करियर की शुरुआत की थी।
टोक्यो ओलिंपिक 2021 में गोल्ड मेडल जीतने के बाद उन्हें परम विशिष्ट सेवा पदक से नवाजा गया था।
बाद में 2022 में उन्हें सूबेदार मेजर के पद पर पदोन्नति दी गई।
अब, उनके शानदार खेल प्रदर्शन और राष्ट्र के प्रति समर्पण को देखते हुए उन्हें मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक दी गई है।
टेरिटोरियल आर्मी ने मई 2025 में दी थी उपाधि
भारतीय सेना ने 14 मई 2025 को नीरज चोपड़ा को टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद उपाधि प्रदान की थी।
यह सम्मान खेल जगत में उनके असाधारण योगदान और देश के प्रति सेवा भावना के लिए दिया गया।
राजपत्र के अनुसार, यह नियुक्ति 16 अप्रैल 2025 से प्रभावी मानी जाएगी।
लगातार दो ओलिंपिक में मेडल जीतने वाले पहले भारतीय
नीरज चोपड़ा भारत के पहले एथलीट हैं जिन्होंने लगातार दो ओलिंपिक में मेडल जीते —
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टोक्यो ओलिंपिक (2021) में गोल्ड मेडल
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पेरिस ओलिंपिक (2024) में सिल्वर मेडल
इसके अलावा, उन्होंने वर्ल्ड चैंपियनशिप, एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में भी देश के लिए गोल्ड मेडल हासिल किए हैं।
नीरज के नाम पर कई सम्मान
नीरज को उनकी उपलब्धियों के लिए कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है —
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2018: अर्जुन पुरस्कार
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2021: खेल रत्न पुरस्कार
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2022: पद्मश्री सम्मान
90 मीटर का मार्क किया पार, बनाया रिकॉर्ड
16 मई 2025 को नीरज चोपड़ा ने दोहा डायमंड लीग में अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। उन्होंने 90.23 मीटर का थ्रो फेंककर नया रिकॉर्ड बनाया।
पहले उनका बेस्ट थ्रो 89.94 मीटर (2022) था।
दोहा में जर्मनी के जूलियन वेबर (91.06 मीटर) पहले स्थान पर और ग्रेनेडा के पीटर्स एंडरसन (85.64 मीटर) तीसरे स्थान पर रहे, जबकि नीरज दूसरे स्थान पर रहे।
समारोह की झलकियां
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और थल सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी के साथ सम्मान प्राप्त करते नीरज चोपड़ा।
उपाधि ग्रहण समारोह में नीरज की पत्नी हिमानी, माता-पिता और चाचा भी मौजूद रहे।
समारोह के बाद परिवार संग फोटो सेशन में नीरज ने अपने भाव साझा किए।
निष्कर्ष
नीरज चोपड़ा का यह नया सैन्य सम्मान न केवल उनकी खेल उपलब्धियों का सम्मान है, बल्कि यह पूरे देश के लिए गौरव का क्षण है।
उनकी यह उपलब्धि लाखों युवाओं को प्रेरित करती है कि समर्पण, अनुशासन और देशभक्ति से हर सपना साकार किया जा सकता है।



